Archimedes Principle / आर्किमिडीज़ का सिद्धान्त किसे कहते है
आर्किमिडीज़ का सिद्धान्त :- अगर जब किसी द्रव में कोई भी वस्तु को पुरी अथवा आंशिक रूप से डुबोई जाए, तो उसके भार में कमी आएगी। भार में यह आभासी कमी वस्तु के द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होगी। विस्थापित द्रव के भार के बराबर एक बल वस्तु पर ऊपर की ओर लगता है जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं । आर्किभिडीज का सिद्धान्त जो है वो द्रव एवं गेस दोनों अवस्थाओं के लिए मान्य है।
![आर्किमिडीज़ का सिद्धान्त किसे कहते है 1 Define Archimedes Principle Application in Hindi](http://luckyexam.com/wp-content/uploads/2020/09/Define-Archimedes-Principle-Application-in-Hindi-300x236.png?x61905)
जिस पर भी उत्प्लावन बल कार्य करता है वह उत्प्लावक्ता केन्द्र कहलाता है। यह विस्थापित द्रव के गुरुत्व केन्द्र (G) पर स्थित होता है। आर्किमिडीज के प्लवन के सिद्धान्त के अनुसार कोई भी वस्तु का भार पानी में कम और पानी की सतह के ऊपर अधिक होता है। वस्तु के भार मे यह कमी पानी के द्वारा वस्तु पर ऊपर की दिशा में लगाए गए बल के कारण होती है, इसलिए जब कुएं से पानी की बाल्टी को ऊपर खींचते हैं तब पानी की सतह से ऊपर बाल्टी भारी प्रतीत होती है।
![आर्किमिडीज़ का सिद्धान्त किसे कहते है 2 What is Archimedes' Principle](http://luckyexam.com/wp-content/uploads/2020/09/What-is-Archimedes-Principle-300x211.png?x61905)
हाइडोजन से भरे गुब्बारे हवा में उड़ते हैं इसका कारण यह है कि हाइड्रोजन का भार इसके द्वारा प्रतिस्थापित वायु के भार से बहुत कम होता है।
आर्किमिडीज सिद्धान्त के उपयोग (Uses of Archimedes’ Principle)
आर्किमिडीज सिद्धान्त के कुछ उपयोग हैं जोकि निम्नलिखित है:-
- वस्तु विशेष का आयतन को निकालना है ।
- वस्तु विशेष को शुद्धता (Purity) को ज्ञात करना है।
- घनत्वमापी (hydrometer), दुग्धमापी (Lactometer), जहाज, पनडुब्बी आदि के निर्माण मे किया जाता है |
- वस्तु विशेष का आपेक्षिक घनत्व (Relative density) को ज्ञात करना है ।
- इस सिद्धान्त के अनुसार किसी ठोस का आपेक्षिक घनत्व
= (ठोस का वायु में भार)/(जल में ठोस के भार में कमी)
- किसी द्रव का आपेक्षिक घनत्व
= (द्रव में ठोस के भार में कमी)/(जल में ठोस के भार में कमी)
- किसी द्रव का आपेक्षिक घनत्व
= (वस्तु का घनत्व)/(जल की घनत्व)
शुद्ध जल का आपेक्षिक घनत्व 1 होता है और वे वस्तुएँ जिनका आपेक्षिक घनत्व 1 से कम होता है वो तैरती है, जबकि जिस वस्तु का आपेक्षिक घनत्व 1 से अधिक होता है वे जल में डूब जाती हैं।
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