ऊष्मा संचरण ,चालन ,संवहन,विकिरण क्या है ?

ऊष्मा संचरण की परिभाषा

ऊष्मा का किसी भी एक स्थान से किसी भी दूसरे स्थान तक प्रवाह होना ही ऊष्मा संचरण ( Transmission of Heat) कहलाता है। ऊष्मा संचरण की मुख्यत: तीन विधियाँ हैं, जो संक्षिप्त में निम्नलिखित है।

Definition of Transmission of Heat in Hindi
Definition of Transmission of Heat in Hindi

चालन (Conduction)

चालन विधि के द्वारा ऊष्मा संचरण जो होता है वो ठोस पदार्थों में होता है। पदार्थ के अणु ऊष्मा को ग्रहण करते हैं और अपने कम्पन के आयाम को बढ़ाकर अपने निकटवत्ती अणुओं को ऊष्मा संचरित करते हैं लेकिन अणु जो है वो अपना स्थान स्थायी रूप से नहीं छोड़ते हैं। ऊष्मा संचरण की इस विधि में ऊष्मा संचरण की गति पदार्थों की ऊष्मा चालकता पर निर्भर करती है। ऊष्मा चालकता के आधार पर पदार्थ तीन प्रकार के होते हैं।

Diagram of Good Conduction
Diagram of Good Conduction
Example of Insulator
Example of Insulator

सुचालक पदार्थ वो होते है जिनकी चालकता जो होती है वो सबसे अधिक होती है, और इसमें मुख्यत: धातुएँ आती हैं और कुचालक पदार्थ वें होते है जिनमें ऊष्मा संचरण जो है वो बहुत कम होता है। इसमें लकड़ी, रबड़, काँच जैसे पदार्थ आते हैं। तीसरे प्रकार के पदार्थ ऊष्मारोधी होते हैं, जिनकी चालकता लगभग शून्य होती है  या कम होते है; उदाहरण ऐस्बेस्टस, एबोनाइट आदि।

Diagram and Example of Insulator and Bad Conduction
Diagram and Example of Insulator and Bad Conduction

ऊष्मा चालन के दैनिक जीवन में उदाहरण

  • लोहे की जो चालकता होती है वो लकड़ी से अधिक होने के कारण ही लोहे का टुकड़ा सर्दियों में लकड़ी की अपेक्षा अधिक ठण्डा लगता है और ठीक इसी तरह गर्मियों में यही लोहे का टुकड़ा जो है वो लकड़ी की अपेक्षा गर्म लगता है, जबकि देखे तो दोनों का ताप जो है वो समान ही है।
  • बर्फ को पिघलने से बचाने एवं रोकने के लिए बर्फ को कुचालक पदार्थ जैसे टाट उसमें लपेटकर रखना पड़ता है।
  • जाड़ों में रजाई के रेशों के बीच भरी वायु के कुचालक होने के कारण ही हमें जाड़ों में रजाई गर्म रखती है।
  • एस्किमों लोग बर्फ की दोहरी दीवार वाले मकानों में रहते है, क्योंकि दीवारों के बीच भरी वायु कुचालक होने के कारण अन्दर से बाहर की ओर ऊणा पवाह को रोकती है।
  • अंगीठी, चाय की केतली, कूकर आदि को पकड़ने के लिए हत्थे पर कुचालक पदार्थ लगाये जाते है, जैसे-लकड़ी, एबोनाइट आदि, जिससे हाथ गर्मी ना लगे |

 

संवहन (Convection)

संवहन विधि के द्वारा ऊष्मा संचरण गैस और द्रवों में ही होता है, और इसमें जो पदार्थ है उसको गर्म करने पर कणों के स्थानान्तरण से धारा में बहती है और उस धारा को ही संवहन धाराएँ कहते हैं। जब भी किसी भी द्रव से भरे हुए बर्तन को गर्म किया जाए तो सबसे पहले तली का जो द्रव है वो गर्म होकर हल्का हो जाता है और फिर ऊपर उठता है। इस प्रकार इसमें संवहन धाराएँ बहती हैं।

Diagram of Convection
Diagram of Convection

संवहन के दैनिक जीवन के उदाहरण निमन है।

  1. घरों में कमरों की दीवारों में रोशनदान लगाए जाते हैं क्यूंकि घर की गर्म तथा दूषित हवा हल्की होने के कारण बाहर निकल जाए एवं ठण्डी तथा भारी हवा बाहर से कमरे में प्रवेश करती रहे।
  2. समुद्री क्षेत्रों में अक्सर दिन के समय भूमि का ताप होता है वो बढ़ जाता है और गर्म होकर वायु ऊपर उठती है, और जिसका स्थान समुद्र तल से ठण्डी वायु आकर लेती है जिसे समुद्री समीर (Sea Breeze) कहते हैं।
  3. समुद्री क्षेत्रों में अक्सर रात के समय में समुद्र तट की भूमि शीघ्रता से ऊष्मा खोकर बिलकू ठण्डी हो जाती है तथा वायु भूमि से समुद्र की ओर चलती है। जिसे स्थलीय समीर (Land Breeze) कहते हैं।
  4. संवहन के द्वारा कृत्रिम उपग्रह में द्रव को गर्म करना बिलकुल सम्भव नहीं है, जिसका एकमात्र कारण है कि वहाँ गुरुत्व का अभाव होता है।
Diagram of Land Breeze and Sea Breeze
Diagram of Land Breeze and Sea Breeze

 

थर्मल फ्लास्क (Thermal Flask)

थर्मल की बोतल के अन्दर एव बाहरी परिवेश के बीच ऊष्मा की स्थानान्तरण बहुत ही कम होती है। यह जो है वो कांच की दोहरी दीवार का बना होता है जिनके बीच में से हवा जो है वो निकाल कर निर्वात् उत्पन्न कर देती है। अत: दीवारों के बीच कोई भी माध्यम न होने के कारण चालन अथवा सवहन के द्वारा न ही तो ऊष्मा बाहर से अन्दर की ओर आ सकती है और न ही तो अन्दर से बाहर की ओर जा सकती है।

Diagram of Thermal Flask
Diagram of Thermal Flask

विकिरण के द्वारा ऊष्मा का जो स्थानान्तरण है उसको रोकने के लिए अन्दर को दीवार के अन्दर के तल पर तथा बाहर की दीवार के बाहरी तल पर चाँदी की पालिश करके परावर्तक बना दिया जाता है। इससे जो है बाहर से अन्दर आने वाला ऊष्मा-विकिरण है वो परावर्तित होकर बाहर हो लौट जाता है और अन्दर से आने वाला वापस अन्दर ही चला जाता है।

एक कॉँच की बोतल का मुँह किसी एक कॉक से बन्द कर दिया जाता है और इसकी सुरक्षा के लिये इसको जो है टीन की बोतल में बन्द कर के रख दिया जाता है और तब दोनों बोतलो के बीच किसी कुचालक के टुकड़े (उदाहरण:- काँच, ऊन) रख दिया जाता हैं। थर्मस घरों में बर्फ, चाय इत्यादि रखने के काम आता है।

 

विकिरण (Radiation)

ऊष्मा संचरण की इस विधि में किसी भी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है और यह ऊष्मा संचरण ठोस, द्रव, गैस के साथ-साथ यह निर्वात् में भी पूर्णत: सम्भव होता है। सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा भी इसी विधि द्वारा ही आती है। इसमें ऊष्मा संचरण सर्वाधिक गति से होती है।

Diagram of Radiation
Diagram of Radiation

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