ऑक्सीकरण और अपचयन

Explanation of Oxidation and Reduction in Hindi

ऑक्सीकरण (Oxidation)

ऑक्सीकरण वह प्रक्रम होता है, जिसमें कोई ऑक्सीजन का योग होता है जिसका अर्थ है वो ऑक्सीजन जुड़ती है और ऑक्सीकरण की प्रक्रिया में हाइड्रोजन की कमी होती है जिसका अर्थ है कि हाइड्रोजन निकलती है और इसमें जो है विद्युत-ऋणात्मक तत्व का योग भी होता है और विद्युतधनात्मक तत्व जो है उसकी कमी भी होती है।

आधुनिक परिभाषा जो है उसके अनुसार यह ऑक्सीकरण वह प्रक्रम होता है, जिसमें पदार्थ के इलेक्ट्रॉन जो होते है वो कम हो जाते हैं।

उदाहरण के लिए :- 2Mg + O2→ 2MgO, Cu + Cl2 → CuCI2

आयनिक सिद्धान्त के अनुसार देखें तो ऑक्सीकरण जो है वो वह प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप किसी भी आयन पर धनावेश जो है बढ़ जाता है या ऋणावेश जिसे कहते है वो कम हो जाता है उदाहरण के लिए इसमें फेरस आयन (Fe2+), फेरिक आयन (Fe3+) में बदल जाता है।

उदाहरण :- 
2FeCl, + Cl2 → FeCl3

श्वास लेने की क्रिया जो है वो भी एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहलाती है और श्वास लेने की यह क्रिया जो है उसमें वायु की ऑक्सीजन जो है वो हमारे शरीर की कोशिका के अणुओं को ऑक्सीकृत कर देती है और ऑक्सीकरण की इस क्रिया के फलस्वरूप कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस जो है वो उत्पन्न होती है और वह श्वास छोड़ने की क्रिया में हम शरीर से बाहर की ओर निकालते हैं और जाड़े के दिनों मेंआमतौर पर हरी घास के पीली पड़ जाने का कारण जो है वो ऑक्सीकरण क्रिया ही होती है और जो हाइड्रोजन परॉक्साइड के द्वारा सम्पादित भी होती है।

ऑक्सीकारक (Oxidising Agents)

वे ऑक्सीकारक पदार्थ होते है जो दूसरे पदार्थों को ऑक्सीकृत करते हैं और क्रिया में स्वयं अपचयित भी हो जाते हैं और इसको हम ऑक्सीकारक कहते हैं, उदाहरण है पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4), पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), हाइड्रोजन परॉक्साइड (H2O2) आदि।

अपचयन (Reduction)

अपचयन जो है वो वह प्रक्रम कहलाता है, जिसमें कि ऑक्सीजन जो है उसकी कमी हो जाती है और हाइड्रोजन का योग भी होता है। इस प्रक्रिया में जो है विद्युतऋणात्मक तत्व की कमी भी होती है और तो और साथ ही विद्युतधनात्मक तत्व जो है उसका योग भी होता है। आधुनिक परिभाषा के अनुसार अपचयन जो है वह वो प्रक्रम है जिसमें पदार्थ के इलेक्ट्रॉन जो है वो अधिक हो जाते हैं।

उदहारण:- Cl2 + H2S → 2HCI+ S
2FeCl3 + H2→ 2FeCl2 + 2HCI
SnCl4 → SnCl2

इसमें टिन आयन पर धनावेश जी है वो +4 से घटकर  2 हो जाता है।

अपचायक (Reducing Agents)

अपचायक पदार्थ वें पदार्थ है जोकि दूसरे पदार्थों का अपचयन कर देता हैं फिर क्रिया में वे स्वयं ही ऑक्सीकृत हो जाते हैं इसे पदार्थ को अपचायक कहते हैं,उदाहरण यह है हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), हाइड्रोजन(H,), कार्बन सल्फर डाइ-ऑक्साइड (SO2) आदि।



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