ध्वनि तरंगों का अपवर्तन

Refraction of Sound Waves / ध्वनि तरंगों का अपवर्तन

ध्वनि तरंगें जब किसी एक माध्यम से किसी दूसरे माध्यम में जाती हैं, तब उनका अपवर्तन होता है जिसका अर्थ है वे अपने पथ से विचलित हो जाती हैं। ध्वनि तरंगों का अपवर्तन वायु की भिन्न-भिन्न पतों का ताप भिन्न-भिन्न होने के कारण से होता है।

Refraction of Sound Waves in Hindi
Refraction of Sound Waves in Hindi

गर्म वायु में ध्वनि की चाल जो होती है वो ठण्डी वायु की अपेक्षा अधिक होती है यही कारण है कि ध्वनि तरंगें जब गर्म वायु से ठण्डी वायु में या ठण्डी वायु से गर्म वायु में संचरित होती है, तो अपने मार्ग से विचलित हो जाती हैं।

दिन के समय सूर्य की गर्मी के कारण पृथ्वी के समीप की वायु की पतों का ताप ऊपर की पतों की अपेक्षा अधिक होता है, इसी कारण से पृथ्वी के समीप की वायु की पतों का घनत्वकम होता है जिसका अर्थ है ये पते विरल माध्यम का कार्य करती हैं और जैसे-जैसे यह ऊपर जाते हैं, ये पते सघन माध्यम का कार्य करती है। अत: पृथ्वी पर स्थित ध्वनि स्रोत से ध्वनि तरंगे,अभिलम्ब की ओर झुकती जाती हैं।

दिन में पृथ्वी पर केवल ध्वनि स्रोत के आस-पास ही ध्वनि सुनाई देती है और जबकि रात्रि में या ठण्ड वाले दिनों में ध्वनि जो है वो दूर तक अधिक स्पष्ट सुनाई देती है। समुद्र में कही पर उत्पन्न की गई कुछ ध्वनि भी कभी-कभी बहुत दूर-दूर तक सुनाई देती है।


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