बफर विलयन और इसके अनुप्रयोग

Buffer Solution and Their Application in Hindi

बफर विलयन (Buffer Solution)

वह विलयन जो अम्ल या क्षार की साधारण मात्राओं को अपनी प्रभावी अम्लता या क्षारकता में पर्याप्त परिवर्तन किए बिना ही पूर्णत: अवशोषित कर लेता है उसको हम बफर विलयन कहते है उदाहरण के लिए सोडियम ऐसीटेट एवं ऐसीटिक अम्ल का मिश्रण एक प्रभावी बफर विलयन होता है। वास्तव में यू दुर्बल अम्ल तथा उनके संयुग्मी क्षआरक उनके संयुग्मी क्षारक तथा उनके संयुग्मी अम्ल का मिश्रण होते हैं।

बफर विलयन के अनुप्रयोग (Applications of Buffer Solution)

दैनिक जीवन में बफर विलयन के अनुप्रयोग जो है वो निम्नलिखित हैं।

  1. रुधिर में उपस्थित कार्बोनिक अम्ल एवं हाइड्रोजन कार्बोनेट का बेफर, रुधिर के pH मान को 7.40 बनाए रखता है।
  2. सभी कोशिकाओं जो उनके अन्तः द्रव में डाइ-हाइड्रोजन फॉस्फेट आयन H,PO, एवं हाइड्रोजन फॉस्फेट उायन HPO, का बफर उपस्थित रहता है और जिसकी भी अनुपस्थिति में कोशिका तरल जो है pH तीव्रता से परिवर्तित हो जाती है और इसके परिणामस्वरूप यह है कि कोशिका की मृत्यु जो है वो भी सम्भव होती है।
  3. कफर विलयन को औषधियों में भी मिलाया जाता है जहाँ ये औषधि जो होती है वो उसके pH मान को स्थिर बनाए रखता हैं और इसके अतिरिक्त ये जो pH मान है उसको भी स्थिर रखता है |
  • कुछ औषधियों जो होते है उसके आयनित रूप को बनाए रखते हैं, इसका कारण यह है कि यह रूप जो है वो जल में विलय होता है।
  • कुछ औषधियों जो होती है उनके अन-आयनित रूप को बनाए रखते हैं, इसका कारण यह है कि यह रूप जो है वो वसा में अधिक विलेय होता है।
  • विभिन्न जलीय विलयनों में औषधि जो होती है उसके स्वायित्व को बनाए रखती हैं।


For the latest updates you can check the below link:-

Facebook page
www.facebook.com/Luckyexam

YouTube channel:-
www.youtube.com/Luckyexam

Telegram:-
t.me/Luckyexam