कूलॉम के नियम (Coulomb’s law) की व्याख्या
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Coulomb’s law:-
दो आवेशों के बीच किसी भी पारस्परिक आकर्षण बल हो या प्रतिकर्षण बल दोनों आवेशों के मान जो है वह उसके गुणनफल का समानुपाती ही होते हैं, और तो और दोनों आवेशों के बीच की दूरी जो है वो उसके वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं।
F∝q1 q2
तथा
F∝ 1/r2 ; F∝ (q1 q2)/r2
![Coulomb's law in Hindi 1 Explanation of Coulomb Law in Physics in Hindi](http://luckyexam.com/wp-content/uploads/2020/09/Explanation-of-Coulomb-Law-in-Physics-in-Hindi-225x300.png?x61905)
विद्युत बल के वो पहले नियम के अनुसार देखे तो अगर दोनों आवेशों को दोगुना कर दिया जाए तब उनके बीच का पारस्परिक बल जो होगा वो चौगुना हो जाएगा, बशर्ते उनके बीच की दूरी अचर रहे।
विद्युत चालक के पृष्ठ पर आवेश (Charge on Surface of Electrical Conductor)
जब किसी भी खोखले गोलीय चालक को आवेशित किया जाए तब सम्पूर्ण आवेश उस की बाहरी सतह पर ही उपस्थित रहता है। किसी चालक के इकाई क्षेत्रफल पर आवेश की जो मात्रा है उसको आवेश का पृष्ठ-घनत्व (Surface Density) कहा जाता हैं। किसी चालक के पृष्ठ के विभिन्न स्थानो पर आवेश का वितरण उन स्थानों के आकार पर निर्भर करता है।
![Coulomb's law in Hindi 2 Diagram of Charge on Surface of Electrical Conductor](http://luckyexam.com/wp-content/uploads/2020/09/Diagram-of-Charge-on-Surface-of-Electrical-Conductor-300x136.png?x61905)
चालक के नुकीले भाग पर आवेश का जो पृष्ठ-घनत्व है वो सबसे अधिक है, जब वायु के कण किसी नुकीले आवेशित चालक के सम्पर्क में आ जाते हैं तो वे आवेशित हो जाते हैं और प्रतिकर्षित होकर दूर की की ओर चले जाते हैं। उनका रिक्त स्थान लेने के लिये वायु के नये कण आ जाते हैं। यही जो क्रिया है वो बार-बार चलती रहती हैं। इस प्रकार वायु के कणों के द्वारा आवेश बाहर ले जाने की घटना को संवहन विसर्जन (Convention Discharge) और इस संवहन धारा को वैद्युत पवन (Electric Wind) कहते हैं।
विद्युत क्षेत्र (Electric Field)
किसी भी आवेश या आवेश संग्रह के परित: उत्पन्न प्रभाव जो किसी भी अन्य आवेशित क्रम को पूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है तो हम उसको विद्युत क्षेत्र कहेंगे | यह एक सदिश क्षेत्र होता है और यदि क्षेत्र में Q आवेश पर F बल लग रहा हो तो
विद्युत क्षेत्र E ⃗=F ⃗/Q
![Coulomb's law in Hindi 3 Diagram of Electric Field (विद्युत क्षेत्र)](http://luckyexam.com/wp-content/uploads/2020/09/Diagram-of-Electric-Field-विद्युत-क्षेत्र-300x300.png?x61905)
विद्युत विभव (Electric Potential)
किसी इकाई धनात्मक आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी भी बिन्दु तक लाने के लिए, किसी भी बाह्य बल के द्वारा किए गए कार्य को हम उसका बिन्दु का विभव कहेंगे |
![Coulomb's law in Hindi 4 Diagram of Electric Potential (Electric Potential)](http://luckyexam.com/wp-content/uploads/2020/09/Diagram-of-Electric-Potential-Electric-Potential.png?x61905)
विद्युत विभव V =Wकार्य/Qआवेश
विद्युतीय क्षेत्र के किन्ही दो बिन्दुओं के विभव के अन्तर को इन बिन्दुओं के बीच का विभवान्तर कहते हैं।
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