प्रकाशिक तन्तु किसे कहते है
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प्रकाशिक तन्तु जो है वो पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के सिद्धान्त पर आधारित युक्ति होती है | प्रकाशिक तन्तु जो है वो एक ऐसी युक्ति है जो बिना किसी संकेतों के ह्रास के उन्हे एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने के लिए प्रयुक्त की जाती है। इसके द्वारा सिग्नल को इसकी तीव्रता में बिना क्षय हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित किया जा सकता है। प्रकाशिक तन्तु क्वार्ट्ज कांच के बहुत लम्बे रेशों से तथा पतले हजारों रेशों से मिलकर बना होता है और प्रत्येक रेशे जो है उनकी मोटाई लगभग 10-4 सेमी होती है।
जब भी प्रकाश किरण तन्तु के एक सिरे पर अल्प कोण बनाती हुई आपतित होती है तब तो यह इसके अन्दर अपवर्तित हो जाती है कि तन्तु के अन्दर यह किरण जो है वो बार-बार पूर्ण आन्तरिक परावर्तत होती हुई तन्तु के उस दूसरे सिरे से बाहर की ओर निकल जाती है अगर तन्तु को मोड़ भी दिया जाए तब भी प्रकाश किरण सुगमतापूर्वक दूसरे सिरे से ही बाहर निकलेगी।
प्रकाशिक तन्तु की उपयोगिता (Uses of Optical Element)
आज-कल के दूरसंचार कम्पनियाँ सिग्नल के संचरण के लिए इन्टरनेट संचार (Internet Communication) और मोबाइल फोन (Mobile Phone) आदि में प्रकाशिक तन्तु का प्रयोग किया जा रहा है और प्रकाशिक तन्तु डाइलैक्ट्रिक तरंगों के पथ प्रदर्शक होते हैं | वैद्युत चुम्बकाव अपराध और रेडियो आवृत्ति दोनों अवरोधक से युक्त भी होते हैं। वर्ष 2000 में स्टरलाइट कम्पना समूह के द्वारा भारत में प्रकाशिक तन्तु का निर्माण को प्रारम्भ किया गया।
ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग (Uses of Optical Fibre)
प्रकाशिक तन्तु के कुछ उपयोग होते है जो कि निम्नलिखित है:-
- विद्युत संकेत को प्रकाश संकेत में बदलकर प्रेषित करने तथा अभिग्रहण करने में।
- शरीर के अन्दर लेजर किरणों को भेजने में।
- प्रकाश संकेतों के दूर संचार में।
होलोग्राफी वह तकनीक होती है जिसमें लेजर किरणों के द्वारा की गई फोटोग्राफी से किसी भी वस्तु का त्रि-आयामी चित्र को बनाया जाता है और होलोग्राफा ध्वनि, प्रकाश या इलेक्ट्रॉन किसी भी तरंग के साथ यह कार्य कर सकती है।
इण्डोस्कोप
मनुष्य के शरीर के सभी आन्तरिक भागो के निरीक्षण के लिए प्रयुक्त यन्त्र को अन्तःदर्शी के नाम से जानते है। इसमें पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के द्वारा आन्तरिक चित्र को प्राप्त किया जा सकता है। इण्डोस्कोप के उदाहरण कुछ इस प्रकार से हैं:-
- आरिस्कोप-कान के आन्तरिक नाग के निरीक्षण के लिए
- गैस्ट्रोस्कोप-पेट के निरीक्षण के लिए
- ब्रोन्कोस्कोप-गले और फेड़ों के निरीक्षण के लिए
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